Ankolysing Spondilitis : दो महीनों में रीढ़ की हड्डी के गठिया से निजात पाए, गारंटी ।


 Ankolysing Spondilitis : दो  महीनों में  रीढ़  की  हड्डी  के  गठिया  से   निजात  पाए,  गारंटी । 

दोस्तो  अगर  आप  (AS)  मतलब  Ankolysing spondilitis  से  परेशान  है  तो  चिंता  न  करे  में  आपकी  परेशानी  ठीक  कर  सकता  हु ,  आज  हम  इसी  पर  चर्चा  करेंगे,  तो  आइए  सबसे  पहले  ये  समझते  है  की ,  यह  बीमारी  काम  केसे  करती  है।



Ankolysing spondilitis ( रीढ़  की  हड्डी  का  गठिया)  :


Ankolysing  spondilitis  को  रीढ़  की  हड्डी  का  गठिया  कहते  है,  यह  बीमारी  रीढ़  की  हड्डी  के साथ  बड़े  ज्वाइंट  में  असहेनीय  दर्द  पैदा  करती  है, व्यक्ति  चलने  फिरने  से  मोहताज  हो  जाता  है,  और  व्यक्ति  पूरी  तरह  बिस्तर  पर  आ  जाता  है। फिर  दुसरो को सेवा  देनी पड़ती  है।


आयुर्वेद  के  अनुसार  यह  बीमारी  वात  से  समबनदित   है।
जब  हमारे  शरीर  में  वायु  बढ़  जाती  है, जिसको  हम  गैस  भी  कहते  है, जब  यह  शरीर  मे  बढ़  जाती  है,  तो हमे  बॉडी  मे दर्द  होने  लगता  है। आयुर्वेद  के  अनुसार  सारी  बीमारी  पेट  से  होती  है। 

जब  हम  खाना  खाते  है,  अगर  वोह  ठीक  तरह  से  नही  पचा  तो  हमारी  आतो  के  सहारे  नसो  में  चला  जाता  है। जिससे  ब्लड  सर्कुलेशन  ठीक  तरह  से  नही  हो  पाता ।  और  व्यक्ति  के  ज्वाइंट  मे  से  ग्रीस  खत्म  होने  लगता  है,  और  शरीर  मे  दर्द  होने  लगता  है।


Test 


इस  बीमारी  की  पहचान  HLAB-27  टेस्ट  से  होती  है,  ये  टेस्ट  अगर  पॉजिटिव  आजाये  तो, आपको  रीढ़  की  हड्डी  का  गठिया  है।  इसके  अलावा  CRP,  ESR ये  जाँच  भी  अगर  पॉजिटिव  अजाये  तो  आपको  कही  न  कही  बॉडी  मे  दर्द  है।


Treatment 






ईलाज की  बात  करे   तो , अगर  आप  जो  चीज़े  फॉलो  करेंगे  जो  में  निचे  लिख  रहा  हु  तो  जल्दी  इससे  निजात  पा  सकेंगे।


सुबह  का  नाश्ता  :  बादाम  और  अखरोट  गला  कर खाना  है

दोपहर  का  खाना  :  दो  रोटी , दाल  और  सलाद ,  मौसम के फल ।
रात  का  खाना      :   दो  रोटी ,  दाल  और  गाय  का  घी ।


इसके  अलावा  आपको  कुछ  नही  खाना,  धीरें -  धीरें  आपका  दर्द  खत्म  हो  जाएगा।  आप  जितना  कम  खाओगे  उतना  आपका  दर्द  जल्दी  ठीक  होगा  । अगर  आप  व्यायाम  कर  सके  तो करे, सुबह  जल्दी  उठकर  टेहले  हमेशा  गति शील  रहे  ।

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